‘बोलेगा बिहार’ अभियान ने अक्षय ऊर्जा आधारित डेवलपमेंट रोडमैप पर ठोस अमल करने पर जोर दिया

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मुजफ्फरपुर, 1 नवम्बर, 2020 : बीते दो महीने से राज्य के प्रतिष्ठित सिविल सोसाइटी संगठनों के द्वारा अक्षय ऊर्जा समाधानों पर जन-जागरूकता फैलाने के उद्देश्य के साथ बिहार के 22 जिलों में एक पब्लिक कैंपेन “बोलेगा बिहार, अक्षय ऊर्जा इस बार” चलाया गया, जिसे लाखों लोगों का अपार सहयोग और सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिला. इस अभियान के तहत किसान चर्चा, स्वास्थ्य पे चर्चा, टाउन हाल मीटिंग, सोलर संवाद यात्रा, जन स्वास्थ्य सुनवाई और मदर्स रैली आदि विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन की समस्या पर सार्थक संवाद करना और इससे निबटने में सक्षम विकेन्द्रीकृत अक्षय ऊर्जा जैसे समाधानों पर लोगों की मांगों को राजनीतिक दलों के सामने लाना और व्यापक सहमति तैयार करना था. इसी क्रम में किसानों, श्रमिकों, महिलाओं, पंचायत प्रतिनिधियों, विधायक, सांसद एवं प्रमुख पार्टियों, डॉक्टर्स और बुद्धिजीवियों समेत हरेक तबके की सक्रिय भागीदारी से तैयार किए गए एक क्लाइमेट जन घोषणापत्र को जारी किया गया. इस पब्लिक क्लाइमेट मैनिफेस्टो की मांगों को भी प्रमुख राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया.

लाखों लोगों के अपार समर्थन और उनकी आकांक्षाओं को प्रतिबिम्बित करते इस अभियान की सफलता ही है कि राज्य के सत्तापक्ष और विपक्ष में सभी प्रमुख पार्टियों जदयू, भाजपा, राजद, कांग्रेस, भाकपा माले आदि ने अपने चुनावी घोषणापत्र में विकेन्द्रीकृत अक्षय ऊर्जा जैसे समाधानों को उचित जगह दी है. उदाहरण के लिए जदयू ने सभी गांवों में सोलर स्ट्रीट लगाने का संकल्प लिया है. भाजपा ने सभी खेतों में सोलर पंप लगाने का वायदा किया है. राजद ने सभी एग्रीकल्चर फीडर को सोलराइज करने और स्वास्थ्य केंद्रों को सोलर एनर्जी से लैस करने की बात की है. कांग्रेस ने अक्षय ऊर्जा से बिहार को ऊर्जा उत्पादन में आत्मनर्भर बनाने का संकल्प लिया है.

इन संकल्पों और वायदों के सन्दर्भ में सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के सीईओ श्री रमापति कुमार ने कहा कि “निस्सन्देह सभी राजनीतिक दल बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने अक्षय ऊर्जा और सततशील पर्यावरण से जुडी जनता की मांगों को अपने घोषणापत्र में जगह दी है. अभी चुनाव के मद्देनज़र जो वायदे और संकल्प सभी पार्टियों ने लिए हैं, वो महज चुनाव तक ही सीमित न रहे बल्कि उनसे उम्मीद की जाती है कि वो इन्हें अगली विधानसभा गठन के बाद अपने एजेंडे में सर्वोपरि में रखें और जनता की मांगों और आकांक्षाओं को पूरा करें.” श्री कुमार ने आगे कहा कि जनता अपने नेताओं से क्लाइमेट सोल्यूशंस पर नेतृत्व क्षमता प्रदर्शित करने की उम्मीद कर रही है, ताकि बिहार को खुशहाली और समृद्धि की राह पर ले जाया जा सके.

सिविल सोसाइटी संगठनों की तरफ से बात रखते हुए श्री राकेश कुमार सिंह, जन निर्माण केंद्र, मुजफ्फरपुर ने कहा कि “राज्य में भीषण संकट का रूप ले रहे क्लाइमेट चेंज की समस्या पर बोलेगा बिहार अभियान रचनात्मक संवाद करते हुए समाधान के रूप में अक्षय ऊर्जा से संबंधित जनता की मांगों को राजनीतिक विमर्श की मुख्यधारा में स्थापित करने में सफल रहा है. हम राजनीतिक दलों से उम्मीद करते हैं कि वे अक्षय ऊर्जा से संबंधित किए गए वायदों और संकल्पों को न भूलें, बल्कि ठोस कार्यक्रमों और नीतियों के जरिये इन्हें सही अर्थों में पूर्ण करें.”

“बोलेगा बिहार, अक्षय ऊर्जा इस बार” जन अभियान लाखों लोगों के बीच कृषि, स्वास्थ्य, उद्योग-व्यापार सहित अर्थव्यवस्था के हरेक क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा के लाभपरक संदेशों को प्रसारित और जागरूक करने में सफल रहा है, ताकि बिहार में जीवाश्म ईंधन पर आधारित विकास के ढांचे से अलग एक ऐसा डेवलपमेंट मॉडल खड़ा किया जा सके जो स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ पानी, स्वच्छ हवा और स्वच्छ परिवेश को हरेक व्यक्ति तक सुनिश्चित करते हुए राज्य को सर्वांगीण विकास के रास्ते पर अग्रसर कर सके.

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